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डिजिटल मीडिया को पूरी मान्यता , मंत्रालय की मुहर से झूठी खबरों की पोल खुली

चौंकाने वाला खुलासा: फ़र्ज़ी पत्रकारों के नाम पर फैलाई जा रही थी अफ़वाह, मंत्रालय ने जारी किया स्पष्टीकरण पत्र

नई दिल्ली – सोशल मीडिया पर इन दिनों एक अफवाह तेज़ी से वायरल की जा रही थी कि भारत सरकार देशभर में “फर्जी डिजिटल पत्रकारों” पर एफआईआर करने जा रही है। वायरल पोस्ट में दावा किया गया था कि सिर्फ आरएनआई पंजीकृत अखबार या चैनल ही वैध हैं और डिजिटल मीडिया पत्रकारों के खिलाफ देशव्यापी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन सच्चाई कुछ और ही निकली।

इस अफवाह को “फेक न्यूज़” घोषित करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि डिजिटल मीडिया पत्रकारिता को पूरी मान्यता प्राप्त है, और यह भी कि वे आईडी कार्ड जारी करने, पोर्टल संचालित करने तथा पत्रकारिता से जुड़ी सभी गतिविधियों को वैधानिक रूप से कर सकते हैं

 

 


प्रवीण सिंह के प्रयास से सामने आई सच्चाई

वंदे भारत न्यूज़ के संचालक, ईएसओ इंडिया और भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रवीण सिंह ने इस अफवाह के खिलाफ सीधा मंत्रालय को पत्र भेजा। उन्होंने बताया कि किस प्रकार डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को अधिकारियों द्वारा डराया-धमकाया जा रहा है, उन्हें ‘फर्जी पत्रकार’ कहकर बदनाम किया जा रहा है।

मंत्रालय ने 14 फरवरी 2025 को भेजे गए जवाबी पत्र (पत्र संख्या J-11013/36/2024-DM) में स्पष्ट किया कि:

  • डिजिटल मीडिया पत्रकार भी प्रिंट और टीवी पत्रकारों की तरह ही सभी अधिकारों के पात्र हैं

  • OTT प्लेटफॉर्म और डिजिटल न्यूज़ पोर्टल को IT Rules 2021 के तहत विनियमित किया गया है।

  • ऐसे पत्रकार Journalist Welfare Schemes के तहत लाभ पाने के भी हकदार हैं।


केंद्रीय मंत्रियों के स्पष्ट बयान

 

 

  1. श्री रविशंकर प्रसाद (पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री) ने 25 फरवरी 2021 को कहा था:

    “डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया को भारत में व्यापार करने और उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाने की पूरी आज़ादी है। लेकिन उनके लिए एक soft-touch oversight mechanism ज़रूरी है ताकि दुरुपयोग से निपटा जा सके।”

 

 

 

  1. श्री प्रकाश जावड़ेकर (पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री) ने कहा था:

    “डिजिटल मीडिया भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना प्रिंट और टीवी। एक level playing field के लिए सभी को कुछ नियमों का पालन करना होगा, लेकिन डिजिटल मीडिया की आज़ादी लोकतंत्र की आत्मा है।”


प्रवीण सिंह ने दिया संतुलित संदेश

प्रवीण सिंह ने यह भी कहा कि –

“यदि कोई संस्था – चाहे वह डिजिटल हो, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक – अगर पत्रकारिता की आड़ में अवैध वसूली या ब्लैकमेलिंग करती है, तो उस पर कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन यह सब डिजिटल मीडिया को ‘फर्जी’ कहने का बहाना नहीं हो सकता।”


समाज में सकारात्मक पत्रकारिता को मिला संबल

इस पत्र के सामने आते ही देशभर के डिजिटल पत्रकारों ने राहत की सांस ली है। जो पत्रकार रात-दिन समाज के बीच रहकर ईमानदारी से पत्रकारिता कर रहे हैं, उन्हें अब ‘फर्जी’ कहकर अपमानित करने वालों को जवाब मिल गया है।


यह स्पष्ट हो गया है कि डिजिटल मीडिया पत्रकार पूरी तरह मान्यता प्राप्त हैं, और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही “एफआईआर वाली खबर” झूठी और गुमराह करने वाली है। ऐसे फर्जी समाचार फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठ रही है।


श्री प्रवीण सिंह जैसे जागरूक पत्रकार प्रतिनिधि के प्रयासों से सच्चाई सामने आई और लाखों डिजिटल पत्रकारों को वैधानिक सुरक्षा का भरोसा मिला।

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